ख़बर मध्य प्रदेश के रीवा जिले से है, जहां  रीवा कलेक्टर के सख्त तेवर से बेखौफ एक महिला पटवारी द्वारा जमीन की बंदरबांट कर दिया
  बता दे की तहसील हनुमना में पदस्थ पटवारी उषा वर्मा पति यज्ञसेन वर्मा अपने मास्टरमाइंड का उपयोग करते हुए पूर्व में पदस्थ दुगोली हल्का पटवारी प्रांजली के साथ  मिलकर मध्यप्रदेश शासन की भूमि को बंदरबांट कर अपने बच्चों के नाम नामांतरण कर दिया  है। आपको बताते चलें कि पूरा मामला मध्यप्रदेश शासन की भूमि हड़पने का है, जहां पटवारी  के द्वारा मध्य प्रदेश शासन की भूमि को हड़प लिया जाता है वही इस तरह की घटनाएं  जब सरकार के संज्ञान में आई तो, प्रदेश सरकार के द्वारा सख्त तेवर अपनाते हुए जिला कलेक्टर को आगाह किया गया, जहां रीवा कलेक्टर के द्वारा आदेश किया गया था कि 1984 के बाद किए गए मध्य प्रदेश शासन के भूमि के पट्टे निरस्त किए जाते हैं। कुछ समय बीतने के बाद मास्टरमाइंड महिला पटवारी अपने सहयोगियों के साथ एक नई चाल चलकर मध्यप्रदेश शासन की भूमि को हड़पने के लिए एक नया तरीका निकाला और जमीन के अभिलेख में हेराफेरी कर फर्जी आदेश नंबर डालते हुए अपने नाम से बच्चों के नाम करा लिया, इस प्रकार से पटवारी हल्का- दुगौ्ली  मे पूर्व में पदस्थ रही पटवारी  की भूमिका भी संदिग्ध है, वही महिला पटवारी सहयोगी के साथ मिलकर फर्जी तरीके से जमीन का बंदरबांट कर कूट रचित तरीके से बिभाजन कर दिया, ऐसे 420 करने वाले पटवारियों से तहसील कार्यालय भी असुरक्षित है  आप अंदाजा लगा सकते हैं, कि जब सरकार के रक्षक ही सरकार की जमीनों के भक्षक बन गए तो हल्के का किसान इस तरह के हल्का पटवारियों से कैसे सुरक्षित रह सकता है और इस तरह के कर्मचारियों से कैसे न्यायिक कार्य की अपेक्षा रखता होगा।