जिला अदालत ने 10 आरोपियों को 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई
रीवा जिला अदालत ने 10 आरोपियों को 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। बताया गया कि 10 वर्ष पहले नौबस्ता सीमेंट कंपनी के पास बैजनाथ मोड में बलवे के दौरान तत्कालीन नौबस्ता चौकी प्रभारी सतीश कुमार द्विवेदी से आधा दर्जन से ज्यादा आरोपियों ने रिवाल्वर छीन ली। इसके बाद गोली चलाई दी। हालांकि रिवाल्वर फायर करते समय मिस हो गया था। लेकिन घटनास्थल के पास अफरा-तफरी मच गई थी। ऐसे में आरोपियों ने मौका पाकर पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की। इसके बाद धमकाते हुए गाली-गलौज की। इस वारदात को लेकर चोरहटा पुलिस ने 10 आरोपियों के विरूद्ध अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की। अपर लोक अभियोजक सरिता सिंह का कहना है कि 21 जुलाई 2013 दोपहर 12.45 बजे बैजनाथ मोड़ के पास हुई सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया था। मौत के बाद ग्रामीणों ने जमकर बवाल मचाया। लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बनने पर चोरहटा थाना और नौबस्ता चौकी का पुलिस बल मौके पर गया। घटना वाले दिन आरोपी उमाकांत मिश्रा निवासी नौबस्ता की चौकी प्रभारी सतीश कुमार द्विवेदी से बहसबाजी होने लगी। झूमाझटकी के दौरान आरोपी ने चौकी प्रभारी की रिवाल्वर छीन ली। पुलिस पर हावी होते हुए आरोपी ने फायरिंग शुरू कर दी। तब थाना प्रभारी ने पुलिस वाहन में छिपकर किसी तरह अपनी जान बचाई।चोरहटा पुलिस ने उमाशंकर मिश्रा के अलावा रमाकांत तिवारी निवासी गढवा, प्रदीप उर्फ लल्लू सोनी निवासी झिजवार, रामरूप सोनी निवासी झिजवार, प्रेमलाल दाहिया निवासी झिजवार, मुन्नालाल साकेत निवासी नौबस्ता, संजय तिवारी निवासी नौबस्ता, जगन्नाथ सिंह पटेल निवासी निवासी झिजवार, कृष्णा सिंह निवासी रउनिया बलिया यूपी हाल झिजवार और छविलाल सिंह पटेल को आरोपी बनाया था। सप्तम अपर सेशन न्यायालय के पाठासीन अधिकारी आनंद गौतम की अदालत ने धारा 148 में तीन वर्ष की सजा एवं एक हजार जुर्माना, धारा 307, 149 में दस वर्ष की सजा एवं तीन हजार का जुर्माना लगाया है। वहीं मुख्य आरोपी उमाशंकर मिश्रा को धारा 27 आयुध अधिनियम 1959 के तहत 7 वर्ष की सजा एवं तीन हजार अर्थदंड का फैसला सुनाया है।