मध्यप्रदेश में सागर के बाद अब सतना में बीजेपी नेताओं के बीच आपसी कलह सामने आया है। मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने खुले मंच से अपनी ही पार्टी के सतना से बीजेपी सांसद गणेश सिंह को खूब खरी-खोटी सुनाई। उन्हें राक्षस तक कह डाला। साथ ही उन्हें मैहर में घुसने नहीं देने की चेतावनी भी दी है।बीजेपी विधायक ने सांसद को राजनीतिक प्रोटोकॉल का पालन करने और घमंड छोड़ने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि ऐसे ही राक्षसों के लिए मैं राजनीति में आया हूं। मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे और सुधार न हुआ तो सांसद का मैहर में प्रवेश बंद कर देंगे। नारायण त्रिपाठी रविवार को अपने जन्मदिन के मौके पर मैहर के सिविल अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर का लोकार्पण करने पहुंचे थे। कार्यक्रम में उन्होंने आरोप लगाए कि सांसद गणेश सिंह ने लोकार्पण रोकने की कोशिश की। वे हर काम में टांग अड़ाने की कोशिश करते हैं। जब लोकार्पण की सभी तैयारियां पूरी हो गईं, और हम वहां पहुंचे तो सांसद ने अधिकारियों को फोन पर कहा कि लोकार्पण मंत्री करेंगे, लेकिन कब कौन मंत्री करेंगे यह नहीं बताया। विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा, जब काम हमारे प्रयास से हो रहे हैं तो उसके भूमिपूजन-लोकार्पण पर निर्णय लेने वाले सांसद कौन होते हैं? विधायक का भी प्रोटोकॉल होता है। राज्य शासन की योजना और पैसे से होने वाले कार्यों का शिलान्यास, भूमिपूजन-लोकार्पण विधायक करते हैं। लेकिन किसी भी विधायक का क्षेत्र हो सांसद वहां टेढ़े-मेढ़े चलते हुए छाती फुलाकर पहुंच जाते हैं। सांसद अपनी योजनाओं, अपने काम का शिलान्यास-लोकार्पण करें, विधायकों के कामों का नहीं। विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि सांसद गणेश सिंह ने चार बार के अपने कार्यकाल में केंद्र सरकार की किसी महत्वपूर्ण योजना का लाभ मैहर को नहीं दिलाया। मैं चुनौती देता हूं कि कोई भी मैहर में उनका एक काम खोज लाए, मैं उसे सम्मानित करूंगा। मेडिकल कॉलेज सतना के पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी की देन है। हम उनके साथ सीएम से मिलने और मांग करने गए थे। विधायक नारायण ने कहा कि घमंड तो रावण का भी चूर हो गया था, फिर ये तो कुछ नहीं है। अगर सुधार नहीं हुआ तो इसका खामियाजा आने वाले समय में चुनाव में, पूरी भाजपा को भोगना पड़ेगा। इसलिए अभी समय है, सांसद घमंड छोड़ दें और सुधर जाएं। गणेश सिंह चार बार सांसद अपने कर्मों से नहीं बने हैं। भाजपा का कुछ दौर ही ऐसा था। तीसरी बार तो हमारे कारण सांसद बने, वर्ना ये जो लूट कर साम्राज्य खड़ा किया गया है, वह खड़ा न होता। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के गणेश सिंह और कांग्रेस के अजय सिंह राहुल के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। उस वक्त नारायण कांग्रेस से विधायक थे। उन्होंने ऐन वक्त पर भाजपा प्रत्याशी गणेश सिंह का समर्थन कर दिया था, जिसके बाद सतना की चुनावी फिजा ही बदल गई थी और अजय सिंह राहुल को हार का सामना करना पड़ा था। बाद में नारायण ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और 2016 के उपचुनाव में वे भाजपा से विधायक चुने गए। इस बीच गणेश सिंह और नारायण त्रिपाठी के बीच शीत युद्ध भी शुरू हो गया, जो अब भी जारी है।