माइम मूकाभिनय में पुष्पेन्द्र वर्मा को मिला जूनियर फेलोशिप अवार्ड
सीधी। जिले के इकलौते माइम मूकाभिनय कलाकार पुष्पेंद्र वर्मा को संस्कृत मंत्रालय भारत सरकार से जूनियर फेलोशिप अवार्ड मिला है। संस्कृत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा हर वर्ष पूरे भारत मे 200 कलाकारों को जूनियर फेलोशिप अवार्ड दिया जाता है। जिसमे नृत्य, फोटोग्राफी, संगीत, नाटक, लोकगीत, लोकनृत्य, माइम आदि जिसमे मध्यप्रदेश के सीधी जिले से केवल पुष्पेंद्र वर्मा को माइम मूकाभिनय के क्षेत्र में जूनियर फेलोशिप अवार्ड प्राप्त हुआ है। पुष्पेंद्र निरंतर रंगमंच के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के साथ विशेष योगदान देते आ रहे हैं। साथ ही कई रंगमहोत्सवों में मूकाभिनय की प्रस्तुति दी हैं। आपने रंगमंच की शुरुआत इंद्रवती नाट्य समिति के निर्देशक नीरज कुंदेर के मार्गदर्शन में की व इंद्रवती नाट्य समिति में ही अभिनय के बारे में जाना व गुरु नीरज कुंदेर के साथ निरंतर नाट्य मंचन करते रहें। आपने मूकाभिनय की नई विधा को अपना मुख्य विधा मानकर माइम सीखने के लिए कोलकाता नेशनल माइम इंस्टिट्यूट की ओर बढ़ चले। जहां से आपने मूकाभिनय में डिप्लोमा प्राप्त किये। गुरु पद्मश्री निरंजन गोस्वामी व मधुसूदन कृष्णन माइम मधू द्वारा माइम की शिक्षा प्राप्त कर लगातार भारत के कई राज्यों में प्रस्तुतियां देने लगे। पुष्पेंद्र वर्मा को हाल ही में कोलकाता की माइम नाट्य संस्था सोमा माइम थिएटर द्वारा मनोरमानिक मूकाभिनय सम्मान 2022 से नवाजा गया था और सन 2019 में संस्कृत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्कालरशिप का अवार्ड भी माइम के क्षेत्र में प्राप्त हुआ। आपके द्वारा लगातार माइम के दिशा में बेहतर कार्य कर नाट्य मंचन किया जा रहा है। साथ ही इस विधा को आगे बढ़ाने के लिए मूकाभिनय नाट्य कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जाता है। जिससे इस विधा को बढ़ाया जा सके और देश मे मूक बधिर बच्चों को भी मनोरंजन के साधन मिलते रहें और यह निरंतर जारी रहेगा। मूकाभिनय एक ऐसा अभिनय है जिसमे न कोई संवाद होता है न ही पात्र के हिसाब से वेशभूषा केवल अपने अंग अभिनय से ही हम अपनी बातों को प्रस्तुत करते है।