सतना सतना जिले के मुकुन्दपुर स्थित महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी एण्ड जू सेंटर मंे लाई गई प्रथम वन्य प्राणी मादा सफेद बाघ विन्ध्या अब नहीं रही। व्हाइट टाइग्रेस विन्ध्या की 9 मई को अधिक उम्र और लम्बी बीमारी के चलते दुखद मृत्यु हुई। लगभग 16 वर्ष की हो चुकी विन्ध्या व्हाइट टाइग्रेस को वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल से 9 नवम्बर 2015 को सतना जिले के व्हाइट टाइगर सफारी में बड़े ही धूमधाम से लाया गया था। व्हाइट टाइगर सफारी मुकुन्दपुर की शान विन्ध्या टाइग्रेस की अन्तिम विदाई यात्रा में मंगलवार को पिछड़ा वर्ग एवं पंचायत ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल, सांसद सतना गणेश सिंह, पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ल सहित वन संरक्षक राजेश राय, वनमण्डलाधिकारी सतना विपिन कुमार पटेल, संचालक जू यशपाल मेहरा, वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. राजेश तोमर, क्यूरेटर बीनू सिंह बघेल एवं समस्त जू स्टाफ तथा क्षेत्रीय गणमान्य नागरिकों एवं पर्यटकों ने विन्ध्या को पुष्पमालायें अर्पित कर भाव भीनी अन्तिम विदाई दी।  वनमण्डलाधिकारी सतना विपिन कुमार पटेल ने बताया कि विन्ध्या मुकुन्दपुर के व्हाइट टाइगर सफारी में आने वाली प्रथम वन्य प्राणी थी। विन्ध्या टाइग्रेस पिछले 18 महीने से बीमारियों से ग्रसित थी और सफारी में खुले में विचरण नहीं कर पा रही थी। सफारी में बनाये गये रिर्हसल बाड़े में ही पर्यटक उसका दीदार करते थे। बीमारी के कारण पिछले 2 माह से टाइग्रेस विन्ध्या अपने नाईट हाउस से बाहर आने की स्थिति में नहीं थी। वन्य प्राणी चिकित्सक मुकुन्दुपुर जू तथा विभिन्न संस्थानों से वन्य प्राणी चिकित्सक एवं विशेषाज्ञों को लाकर समस्त पैथालाजी और भरसक उपचार सेवाओं को प्रदान कर विन्ध्या को बचाने का प्रयास किया गया। लेकिन 9 मई को विन्ध्या चल बसी। मृत वन्य प्राणी चिकित्सकों के दल द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में पोस्टमार्टम किया गया और निर्धारित प्रोटोकाल के अनुसार मृत विन्ध्या का शव दाह किया गया।