रीवा लोकायुक्त पुलिस ने राजस्व विभाग के दो भ्रष्टाचारी कर्मचारियों को बेनकाब किया है। बताया गया कि पिता व भाई की जमीन को सीमांकन करने के एवज में 3 हजार की रिश्वत लेते पटवारी को ट्रेप किया है। वहीं राजस्व निरीक्षक 1000 रुपए पहले ही रिश्वत ले चुका है। ऐसे में आरआई को भी आरोपी बनाया गया है।दावा है कि शातिर पटवारी पांच साल पहले भी रीवा लोकायुक्त के जाल में फंसा था। इसके बाद भी रिश्वत लेना नहीं बंद किया है। ऐसे में दोबारा ट्रैपिंग का शिकार हुआ है। फिलहाल लोकायुक्त संगठन की विशेष पुलिस स्‍थापना इकाई रीवा ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का प्रकरण दर्ज कर लिया है।
लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि फरियादी सलमान खान निवासी ग्राम मनिकाडाढ़ का रहने वाला है। उसकी कोटा हल्का तहसील जवा थाना पनवार में पुस्तैनी कृषि जमीन है। सीमांकन आवेदन देने के बाद नीरज शुक्ला राजस्व निरीक्षक वृत्त डभौरा तहसील जवा ने 1000 रुपए की रिश्वत ले ली। इसके बाद भी सीमांकन नहीं कर रहा था। ऐसे में पीड़ित परेशान हो गया। धकहार कर किसान पटवारी विनोद सिंह से संपर्क किया। तब कोटा हल्का के पटवारी ने 3 हजार की रिश्वत मांगी। जिसके बाद पीड़ित शिकायत लेकर लोकायुक्त कार्यालय पहुंचा। फरियाद सुनकर एसपी ने ट्रैपिंग का दिन गुरुवार नियत कर लोकायुक्त की टीम डभौरा स्थित पटवारी के किराये के मकान में भेजी। जैसे ही पीड़ित रकम देकर बाहर लाैटा। वैसे ही पटवारी को लोकायुक्त ने दबोच लिया है।
लोकायुक्त पुलिस का कहना है कि पटवारी विनोद सिंह पटेल पांच वर्ष पूर्व भी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा जा चुका है। तब 5 जून 2018 को शिकायतकर्ता भैया बहादुर सिंह के आवेदन पर लोकायुक्त ने रेड कार्रवाई की थी। उस दिन भी फरियादी से 3000 की रकम लिया था। इसके बाद भी रीवा जिले में डंके की चोट पर नौकरी कर रहा है। बता दें कि जिलेभर आधा सैकड़ा भ्रष्टाचारी पटवारी कार्य कर रहे है।