संभागायुक्त ने अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी को किया निलंबित
रीवा संभागायुक्त अनिल सुचारी ने नईगढ़ी जनपद के प्रभारी CEO एवं अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को निलंबित कर दिया है। कुछ दिनों पहले कलेक्टर प्रतिभा पाल ने नईगढ़ी जनपद पंचायत का औचक निरीक्षण किया। तब नईगढ़ी जनपद पंचायत के CEO अबध बिहारी खरे कार्यालय से अनुपस्थित मिले थे। कलेक्टर ने कार्यालय के कर्मचारियों से पूछताछ की। तब पता चला कि CEO जनप्रतिनिधियों से लेकर आम जनता की शिकायतों में रूचि नहीं ले रहे थे। जिससे आम जनता के कार्य नहीं होते। वहीं मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के तहत पंचायत से जुड़े रूके है। फाइलों को चेक करने पर कलेक्टर ने बड़ी लापरवाही। साथ ही CEO को फोन लगाया गया, लेकिन उनका मोबाइल नंबर बंद मिला। जांच में पता चला कि CEO अक्सर अपने मुख्यालय से दूर रहते है। संभागायुक्त ने 2 मई के निलंबन पत्र में कहा कि मूल पद ACEO जिला पंचायत एवं प्रभारी नईगढ़ी जनपद CEO अबध बिहारी खरे मुख्यालय से बाहर रहते है। CEO के मनमानी के चलते आम जनता से लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि तक परेशान है। जनपद की 19 ग्राम पंचायतों में पेयजल समस्या, जनसेवा अभियान के 14 विवाह पंजीयन, 2 मृत्यु प्रमाण पत्र लंबित है। इसी तरह लाडली बहना योजना में आई आपत्तियों के निराकरण के 61 प्रकरण लंबित है।बैंक खाते से आधार लिंक न होने की संख्या 2529 है। बैंक से डीबीटी सक्रिय न होने की संख्या 2684 है। जबकि शासन की ओर से शत प्रतिशत निकारण के निर्देश दिए है। वहीं भवन अनुज्ञा के कुल लक्ष्य 1100 के विरूद्ध पोर्टल पर प्रविष्टि कुल आवेदन पत्रों की संख्या 769 में से 749 आवेदन लंबित है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की पूर्णता का प्रतिशत 82.2 और अपूर्ण आवासों की संख्या 1403 है। जबकि पीएम आवास पोर्टल पर 6463 आवास पूर्ण है। वहीं मनरेगा पोर्टल पर 6119 की ही पूर्णता दर्ज है। 344 आवासों में हितग्राहियों को मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। वित्तीय वर्ष के 2 माह व्यतीत हो जाने के बाद भी लक्षित लेबर बजट 2023-24 का लक्ष्य 7.38 लाख में से 3.05 लाख अर्जित किया गया है। यह लक्ष्य का 41 प्रतिशत है। एसबीएम अंतर्गत ओडीएफ प्लस की पूर्णता 70.08 प्रतिशत पाई गई है। कुल मिलाकर हर योजना में लापरवाही मिली है। बताया गया कि संभागायुक्त द्वारा 29 मई को नोटिस जारी की गई। इसके बाद भी संबंधित अधिकारी ने वरिष्ठ कार्यालय को कोई जवाब नहीं दिया। न ही मोबाइल पर अधिकारियों से संपर्क किया। स्वेच्छा चारिता एवं लापरवाही को देख संभागायुक्त ने निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में मुख्यालय जिला पंचायत सतना कार्यालय नियत किया है। इस दौरान अबध बिहारी खरे को जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।