रीवा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम में मौसम ने रुकावट पैदा कर दी। तेज आंधी और बारिश होने लगी। जिसे देखते हुए CM शिवराज सिंह को अपनी स्पीच शॉर्ट में निपटाना पड़ी। कार्यक्रम भी दो घंटे पहले ही समाप्त करना पड़ा। मुख्यमंत्री के मंच छोड़ते ही तेज बारिश शुरू हो गई। तेज हवा के कारण टेंट उड़ गया। वहीं, टेंट की कुछ चादरें फट गईं। वहां लगे पोस्टर भी फट गए। कार्यक्रम का मुख्य गेट भी गिर गया। वहां मौजूद लोग पानी से बचने के लिए इधर उधर छिपते नजर आए। CM शुक्रवार को त्योंथर में कोल सम्मेलन में पहुंचे थे। यहां उन्होंने कोलगढ़ी के विकास कार्य का भूमिपूजन किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगढ़ में कमलनाथ ने कर्जमाफी के नाम पर किसानों को ठगा था। 13 जून को राजगढ़ में कार्यक्रम है। किसानों का पूरा ब्याज 2 हजार करोड़ रुपए किसानों की तरफ से जमा करूंगा। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 80 लाख किसानों के खातों में भी 2-2 हजार रुपए डाले जाएंगे। फसल बीमा योजना के भी 2 हजार 9 सौ करोड़ रुपए डाले जाएंगे।मुख्यमंत्री त्योंथर में कोल जनजातीय सम्मेलन में शामिल हुए। सम्मेलन कोलगढ़ी से 500 मीटर दूर शासकीय बालक स्कूल के ग्राउंड में हुआ। यहां उन्होंने कहा, कोल समाज को जमीनों के पट्टे दिए जाएंगे। मध्यप्रदेश की धरती पर कोई भी गरीब बिना पट्टे के नहीं रहेगा। इससे पहले उन्होंने कोलगढ़ी के विकास और संरक्षण कार्य का भूमिपूजन करते हुए कहा, आज एक संकल्प पूरा हो रहा है, एक सपना साकार हो रहा है। इस गढ़ी से कोल समाज के इतिहास को दिखाया जाएगा। कोलगढ़ी का गौरव लौटाना, त्योंथर का गौरव लौटाने जैसा है।रीवा के त्योंथर स्थित कोलगढ़ी के लिए 3.24 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। इसका कुल एरिया 2410 वर्ग मीटर है। 740 वर्ग मीटर में गढ़ी की इमारत है। CM ने त्योंथर सूक्ष्म सिंचाई योजना का भी शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में भगवान बिरसा मुंडा सामुदायिक भवन निर्माण का स्वीकृति पत्र भी सौंपा। रीवा शहर में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 1 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। जिला खनिज न्यास और जिला पंचायत निधि के तहत 93.47 लाख रुपए से भगवान बिरसा मुंडा सामुदायिक भवन का निर्माण कराया जाएगा। त्योंथर सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की लागत 84.99 करोड़ रुपए है। इससे त्योंथर ब्लॉक के 52 गांवों के 8 हजार किसानों की 7600 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। परियोजना में टमस नदी से 2.66 क्यूमेक (क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड, जबकि क्यूसेक होता है- क्यूबिक फीट प्रति सेकंड) पानी लिफ्ट कर पाइपलाइन के जरिए खेतों तक पहुंचाया जाएगा। परियोजना को 2026 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। रीवा जिले के कोल समाज के 3831 हितग्राहियों को पट्टों का वितरण किया गया। वासस्थान दखल अधिनियम के तहत जिले के 5529 सर्वेक्षित हितग्राहियों में से 1235 के पट्टे तैयार कराकर कार्यक्रम में प्रतीक स्वरूप 250 हितग्राहियों को पट्टों का वितरण किया गया। पूरे जिले में अब तक वासस्थान दखलकार एक्ट के तहत 12094 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है।