रीवा जिले में हत्या के फरार दो आरोपियों ने जान से खत्म कर देने की धमकी दी है। पीड़ित परिवार ने एसपी विवेक सिंह से शिकायती आवेदन देकर सुरक्षा की मांग की है। कहा है कि थाना पुलिस ने आरोपियों को खुला संरक्षण दे रखी है। ऐसे में दोनों शातिर अपराधी खुलेआम गांव से लेकर शहर में फरारी काट रहे है। फिर भी चोरहटा पुलिस के जिम्मेदार हाथ पर हाथ रखे बैठी है। जबकि दोनों आरोपियों को साइबर सेल की मदद से पकड़ा जा सकता है। फिर भी शातिर अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। इस मामले में चोरहटा पुलिस ने छह आरोपी बनाए थे। जिसमे अभी तक चार की गिरफ्तारी हो पाई है। वहीं दो आरोपी फरार है। जो पीड़ित परिवार के लिए सिर दर्द बने है। एक आरोपी पर दो हत्याओं सहित 10 अपराधिक प्रकरण दर्ज है। इसके बाद पुलिस ध्यान नहीं दे रही है। मृतक के बड़े भाई पुष्पराज चतुर्वेदी ने बताया कि छोटा भाई शिवेन्द्र चतुर्वेदी उर्फ भोले पुत्र चंद्रमणि चतुर्वेदी 28 वर्ष निवासी चौरा, मुंबई में रहकर ड्राइवरी करता है। कुछ दिन पहले ही गांव आया था। घर में सब कुछ ठीक चल रहा है। तभी 15 अप्रैल को भाई बरा गांव रिश्तेदारी में गया। शाम को बरा मोड़ के पास उमाशंकर चतुर्वेदी निवासी चौरा और रमाशंकर चतुर्वेदी निवासी चौरा मिल गए। भाई से शराब पीने के लिए पैसा मांगे। उसने 1700 रुपए दे दिए। इसके बाद भी आरोपियों ने पैसों की डिमांड की। तब भाई ने कहा कि उसके पैसे खत्म हो गए है। ऐसे में वृंदावन चतुर्वेदी निवासी चौरा, गुल्ली पाठक निवासी सकरवट, सुमित चतुर्वेदी निवासी चौरा ने मिलकर मां-बहन की गाली देने लगे। इसके बाद भाई के साथ जमकर पिटाई की। छह आरोपियों ने मिलकर भाई को बोलेरो में बांधकर घसीटा। साथ ही बरा मोड, भट्ठा, गाजन और छिबौरा में ले जाकर मारपीट किए। देर रात गुल्ली पाठक उमाशंकर चतुर्वेदी ने पत्थर उठाकर पैर में पटक दिया। जिससे भाई अधमरा हो गया।आधी रात छिबौरा गांव में युवक बेहीशी हालत में मिला। होश आने पर ग्रामीणों ने युवक को संजय गांधी अस्पताल भेजवाया। वहां युवक की हालत को नाजुक देखते हुए 20 अप्रैल को रीवा से जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। सुधार होने पर परिजन 22 अप्रैल की सुबह रीवा ला रहे थे। तभी रास्ते में घायल युवक ने दम तोड़ दिया है। ऐसे में परिजन एसजीएमएच पीएम कराने पहुंचे है। जहां मृतक के घर वाले पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाने लगे। क्योंकि शुरूआत में चोरहटा पुलिस ने आईपीसी की धारा 307 की जगह मामूली धारा 327, 294, 323, 324, 506, 34 आदि लगाकर केस से पल्ला झाड़ दिया था। हालांकि मौत के बाद पुलिस ने हत्या की धारा बढ़ाई। पर 7 दिन तक जिंदा रहे युवक से पुलिस ने बयान लेना भी उचित नहीं समझा। बल्कि फरियादी पक्ष पर ही कई प्रकार के आरोप लगाए गए। वारदात के तीन दिन बाद आरोपी उमाशंकर चतुर्वेदी ने अवैध पिस्टल से खुद के ऊपर गोली मार ली। जिसस पीड़ित पक्ष को फंसा सके। इस मामले में पुलिस ने आरोपी को एसजीएमएच उपचार कराने भेजा। इसी बीच आरोपी को गिरफ्तार कर हत्या के मामले में जेल भेज दिया गया। पर खुद के ऊपर फायर करने वाले आरोपी से पिस्टल जब्त की गई आर्म्स एक्ट लगाया गया। मृतक के भाईयों ने कहा कि चोरहटा पुलिस ने हत्या के केस को मजाक बना दिया। चर्चा है कि फरार आरोपियों के घरों में कुर्की आदि का पोस्टर लगाकर पल्ला झाड़ दिया है। यही नोटिस पीड़ित परिवार के जान में आफत डाल रही है। चोरहटा पुलिस ने चौरा हत्याकांड के चार आरोपियों को पकड़कर जेल भेज दिया है। जिसमे उमाशंकर चतुर्वेदी निवासी चौरा, रमा शंकर चतुर्वेदी निवासी चौरा, सर्वेश साकेत निवासी चौरा और गुल्ली पाठक निवासी सकरवट की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं वृंदावन चतुर्वेदी निवासी चौरा और सुमित चतुर्वेदी निवासी चौरा अभी फरार है। वृंदावन चतुर्वेदी के खिलाफ पूर्व में हत्या सहित 10 संगीन केस चल रहे है। इसके बाद भी पुलिस का हमदर्द बना है।