रीवा ज़िले की जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान के ग्राम पंचायत ब्योहरा 461 के निवासी बद से बदतर जीवन जीने को मजबूर हैं। ग्राम पंचायत ब्योहरा 461 के निवासी कहने को तो जनपद पंचायत क्षेत्र में आते हैं, लेकिन सुविधा नाम की कोई चीज उनको उपलब्ध नहीं है। इसका जीता जागता उदाहरण यह है कि आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी यदि ब्योहरा में कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तो उसे चारपाई पर उठाकर ले जाना पड़ता है या फिर कंधे पर उठाकर ले जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि हाल ही में एक वृद्धा महिला को कंधे पर उठाकर अस्पताल ले जाना पड़ा था। ग्राम पंचायत ब्योहरा के निवासी गरीब लोग हैं तथा अधिकतर घरों से लोग दिहाड़ी-मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे जिस कारण दिन में वह घर पर नहीं होते हैं तथा ऐसे में यदि कोई घर में अधिक बीमार हो जाता है तो उसको उठाकर अस्पताल ले जाने के लिए कोई व्यक्ति वहां नहीं होता है। यदि सड़क की व्यवस्था ठीक हो जाए तो वाहन द्वारा एक व्यक्ति भी मरीज को अस्पताल तक पहुंचा सकता है। ब्योहरा के निवासियों का कहना है कि ग्राम ब्योहरा 461  लेडुआ मुख्य नहर से माईनर नहर से प्राथमिक पाठशाला होते हुए हरिजन बस्ती को जोड़ने वाली संपर्क सड़क की हालत काफी खस्ता है। बरसात के दिनों में वाहन तो दूर व्यक्ति को पैदल चलना काफी कठिन हो रहा है। ऐसे में मरीज को उठाकर अस्पताल तक पहुंचाना मुश्किल ही नहीं काफी कठिन कार्य है। बीते कई वर्षों से इस समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन जनपद पंचायत के किसी भी पदाधिकारी ने कभी उनकी नहीं सुनी। लोगों का कहना है कि चुनावों में भाजपा व कांग्रेस के लोग उनसे बोट मांगने तो आ जाते हैं लेकिन उसके बाद उनकी 5 सालों तक सुध तक नहीं लेते। ऐसे में उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।