रिटायर्ड नर्स का घर में मिला 3 दिन पुराना शव
सतना जिले में एक शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक ऐसी मां का तीन दिन पुराना शव उसके कमरे में पड़ा पाया गया है जिसका बेटा जिंदगी भर उसकी कमाई पर मौज उड़ाता रहा लेकिन मौत के बाद अपनी मां के अंतिम दर्शन करने भी नहीं पहुंचा। उसके अंतिम संस्कार का प्रबंध भी अन्य लोगों ने किया। घटना सतना जिले के अमरपाटन की है। अमरपाटन के सरकारी अस्पताल में पदस्थ रहीं रिटायर्ड नर्स कलावती वर्मा की मौत हो गई। उसका शव मदर्स डे की शाम (रविवार) को उसके कमरे में फर्श पर पड़ा पाया गया। शव से दुर्गंध आ रही थी, और देखने से यह प्रतीत हो रहा था कि कलावती की मौत 2 या 3 दिन पहले ही हो गई थी। रविवार की शाम उसके कमरे की तरफ लोगों का ध्यान तब गया, जब वहां से आ रही तीव्र दुर्गंध लोगो ने महसूस की। पड़ोस के लोगों ने झांक कर देखा तो कलावती फर्श पर मृत पड़ी थी। सूचना मिलने पर पहुंची अमरपाटन थाना पुलिस ने पंचनामा बनवा कर शव को उठवाया और मॉर्चुरी भेजा। मृतिका के परिवार के बारे में पूछताछ में पता चला कि उसका एक बेटा राजू वर्मा है। वह सतना में कहीं रहता है लेकिन कहां यह उसकी बूढ़ी मां भी नहीं जानती थी। बेटे की खोज का प्रयास भी किया गया। मां की मौत की खबर सोशल मीडिया पर भी वायरल कराई गई लेकिन बेटा फिर भी नहीं आया। सोमवार को कलावती का अंतिम संस्कार किए जाने की बारी आई तो पड़ोसी और अन्य समाज सेवियों ने हाथ आगे बढ़ाए। जब तक मां नौकरी करती थी और उसे वेतन मिलता था, तब तक वह साथ ही रहता था। रिटायरमेंट के बाद जब तक फंड नहीं मिला तब तक भी वह मां के ही साथ था लेकिन सरकारी रकम मिलने के बाद वह कहीं और रहने लगा। उसने मां के साथ रहना तो दूर उसकी सुध लेना भी मुनासिब नहीं समझा। मोहल्ले के लोगों की मानें तो कलावती वर्ष 2016 में अमरपाटन अस्पताल से रिटायर हुई थी। उसने जिंदगी भर नर्स के तौर पर लोगों की सेवा की। जब वह रिटायर हुई तो उसका बेटा राजू उसके साथ ही रहता था। रिटायरमेंट पर मिले पैसे लेकर वह चला गया। हालांकि वह जाने से पहले ही मां को प्रताड़ित करने लगा था। कलावती अकेली ही रहने लगी थी,आस पड़ोस के लोग उसकी खैर खबर लेते रहते थे। उसे खाना पीना देते रहते थे। वह भी अपनी चौखट पर बैठी लोगों से मिलती जुलती रहती थी। कलावती दो-तीन दिन से दिखाई नहीं पड़ी थी। उसके कमरे से दुर्गंध आने लगी तो लोगों का ध्यान उधर गया। कमरे में वह मृत पड़ी थी।