शासन को धन्यवाद। मैं खुश हूं, मेरी शादी हो रही है। कोशिश की तो पुलिस ने भी मदद की। यह कहना है विक्रम चौधरी का, जो ब्याह रचाने जेल से सीधे दुल्हन के घर पहुंचा। विक्रम को शराब तस्करी के मामले में कुछ दिन पहले पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया। उसकी शादी पहले से तय थी, इसलिए कोर्ट से गुहार लगाई। कोर्ट ने आवेदन स्वीकार कर लिया। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर मंगलवार को पुलिस के साये में बारात निकली। पुलिसकर्मी बाराती बने। रातभर शादी की रस्में निभाने के बाद सुबह विदाई हुई। दुल्हन ससुराल और दूल्हा जेल के लिए रवाना हो गया।मामला सतना जिले का है। पुलिस ने शराब तस्करी के मामले में 14 मई को विक्रम चौधरी (22) और उसके पिता ददन चौधरी निवासी घूरडांग को गिरफ्तार किया गया था। जेल जाने के कारण शादी में अचड़न गई थी। ऐसे में दूल्हे ने कोर्ट में आवेदन दिया। उसने बताया, 'मेरा रिश्ता मैहर के करवा गांव में तय हुआ है। शादी की तारीख 16 मई है, लेकिन इससे पहले ही 14 मई को कोलगवां पुलिस ने मुझे और मेरे पिता को शराब तस्करी के मामले में गिरफ्तार कर लिया। हमें जेल भेज दिया गया। दोनों पक्षों की तरफ से शादी की पूरी तैयारी हो चुकी है। कार्ड भी बांटे जा चुके हैं, ऐसे में शादी कैंसिल करना मुश्किल है। इस कारण शादी के लिए अनुमति दी जाए।' बुधवार सुबह शादी के बाद दुल्हन विदा होकर ससुराल चली गई, जबकि दूल्हे को लेकर पुलिस वापस जेल रवाना हो गई। पुलिस के मुताबिक, आरोपी विक्रम ने वकील के जरिए अदालत में आवेदन पेश कर 16 मई को शादी समारोह की जानकारी दी और जमानत पर रिहाई की गुजारिश की। अदालत ने उसे जमानत तो नहीं दी, लेकिन उसे शादी के लिए पुलिस सुरक्षा में ले जाने और फिर दोबारा जेल भेजने का आदेश दे दिया। इस पर शादी के बाद पुलिस उसे बुधवार सुबह 7 बजे जेल ले गई। शादी में शामिल होने के लिए दूल्हे के साथ 8 पुलिसकर्मी साथ आए थे। इंदौर में सात जन्मों तक साथ रहने की कसम खाने से पहले ही प्रेमी जोड़े ने जहर खा लिया। दोनों को अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान प्रेमी दीपक ने शकुंतला अस्पताल में बुधवार सुबह दम तोड़ दिया। प्रेमिका निशा जुपिटर अस्पताल में वेंटिलेटर ​​​​​​पर है। उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। दोनों परिवार के साथ मंगलवार के दिन आर्य समाज मंदिर में शादी करने पहुंचे थे। इससे पहले युवक-युवती में कहासुनी हो गई थी।