सतना अमरपाटन थाना क्षेत्र में मौहारी कटरा में सोमवार की रात शराब ठेकेदार के गुर्गों ने एक युवक की पिटाई कर दी थी। घायल की इलाज के दौरान शुक्रवार को मौत हो गई। इससे गुस्साए परिजनों ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस बल के साथ डीएसपी वहां पहुंची और नाराज लोगों को समझाइश देकर आवागमन शुरू कराया। नाराज लोग शराब ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोमवार की रात ग्राम मौहारी कटरा में शराब ठेकेदार जित्तू सिंह के गुर्गों के हमले में घायल गिरजा साकेत (55) की रीवा मेडिकल कालेज में शुक्रवार की सुबह मौत हो गई। इस घटना में घायल 2 अन्य की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। गिरजा की मौत की खबर गांव मिलते ही ग्रामीण आक्रोशित हो गए और शव को नेशनल हाईवे पर रखकर जाम लगा दिया। जिससे वाहनों की आवाजाही ठप हो गई। सूचना मिलने पर अमरपाटन थाना पुलिस मौके पर पहुंची। ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की। लेकिन ग्रामीण नहीं माने। इसके बाद डीएसपी हेडक्वार्टर ख्याति मिश्रा मौके पहुंची, उन्होंने समझाइश देकर रास्ता बहाल कराया। हालांकि ग्रामीण इस दौरान भी शराब ठेकेदार जित्तू सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग पर अड़े थे। बता दें कि अमरपाटन थाना क्षेत्र के ग्राम मौहारी कटरा में सोमवार की रात शराब ठेकेदार के लोगों और गांव में रहने वाले साकेत परिवार के लोगों के बीच जमकर बवाल हुआ था। ठेकेदार के आधा दर्जन स्कॉर्पियो सवार लोग देर रात जिस वक्त मौहारी कटरा पहुंचे थे। वहां गिरजा साकेत के यहां बरहौ का कार्यक्रम चल रहा था। पता चला है कि कार्यक्रम में परोसने के लिए साकेत परिवार ने शराब किसी और से खरीदी थी। यह बात ठेकेदार और उसके गुर्गों को नागवार गुजरी थी। लिहाजा वे दबिश देने पहुंचे थे। वहां उन्होंने गाली गलौज मारपीट शुरू कर दी। ग्रामीण इसी पर भड़क गए और उन्होंने भी ठेकेदार के लोगों को पीटन-खदेड़ना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने उनकी गाड़ी को निशाना बना लिया और तोड़फोड़ कर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया था। इस विवाद में दोनों पक्षों के कुल 8 लोग घायल हुए थे। रात में ही गिरजा साकेत समेत दो लोग अमरपाटन अस्पताल पहुंचे थे। डॉक्टरों ने उन्हें रीवा रेफर कर दिया था। अगले दिन मंगलवार की दोपहर दोनों पक्षों के 6 घायल अस्पताल पहुंचे थे।जानकारी के मुताबिक विवाद उस वक्त ज्यादा गहरा गया था जब विवाद के दौरान पुलिस भी मौके पर बुलाई गई थी। पुलिस ने इस मामले में अहिरगांव के लाइसेंसी शराब ठेकेदार जित्तू सिंह के मैनेजर अजय सिंह, शेषधर सिंह,धीरेंद्र शुक्ला एवं वृषराज सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। गुर्गे जित्तू सिंह का नाम ले रहे थे लेकिन पुलिस ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं की थी। ग्रामीणों ने बताया कि जित्तू को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है। जिसके कारण घटना वाले दिन ही उसके गुर्गों द्वारा उसका नाम लिए जाने के बावजूद पुलिस ने एफआईआर में जित्तू और उसके भतीजों का जिक्र नहीं किया। उल्टा यह प्रचारित किया जाने लगा कि गिरजा और अन्य ग्रामीण एक्सीडेंट में घायल हुए हैं। जबकि ठेकेदार के लोगों पर ग्रामीणों ने हमला किया है। बताया जाता है कि जित्तू एक भाजपा विधायक के पारिवारिक व्यक्ति है जबकि राज्यमंत्री और सांसद से भी उसके करीबी संबंध हैं। जिसका उसे फायदा मिलता रहता है। इस बार भी उसके खिलाफ एफआईआर इन्हीं कनेक्शन के कारण दर्ज नहीं हुई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शुक्रवार को कड़ी धूप के बावजूद गिरजा साकेत का शव एनएच 30 पर रख कर जिस वक्त प्रदर्शन चल रहा था उस बीच एक वक्त ऐसा भी आया जब अमरपाटन थाना प्रभारी संदीप भारतीय ग्रामीणों के निशाने पर गए थे। बताया जाता है कि थाना प्रभारी के साथ आए 4 पुलिसकर्मी शव को सड़क से उठा कर ले जाने लगे। यह देख कर वहां सैकड़ों की तादाद में मौजूद लोगों का गुस्सा भड़क उठा। हालांकि बिगड़ने के पहले स्थिति संभाल ली गई।