सद्गुरू नेत्र चिकित्सालय जानकीकुंड-चित्रकूट में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन
चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय दृष्टि विहीनता एवं दृष्टि दोष नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वाधान में दो दिनी कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में सरकारी अस्पतालों में नेत्र सर्जरी में गुणवत्ता लाने के लिए 40 से अधिक नेत्र चिकित्सकों ने मंथन किया। संत रणछोड़ दास महाराज द्वारा संस्थापित सद्गुरू नेत्र चिकित्सालय जानकीकुंड-चित्रकूट में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला मे प्रदेश के 18 जिलों से आये लगभग 40 वरिष्ठ नेत्र चिकित्सकों ने नेत्र चिकित्सा की बारीकियां समझीं। सद्गुरू नेत्र चिकित्सालय के निदेशक डॉ बीके जैन, डॉ राजेश जोशी, डॉ आशीष बजाज एवं अन्य चिकित्सकों ने नेत्र सर्जरी में गुणवत्ता , क्षमता और कार्य कुशलता जैसे तमाम विषयो पर अपनी जानकारियां साझा की। साथ ही चिकित्सक दल ने अस्पताल परिसर में ओपीडी व आपरेशन थियेटर में तकनीकी बारीकियों को भी देखा। डॉक्टर्स ने कहा कि हमने भारत में नेत्र से संबंधित सारी व्यवस्थाओं से लैस इतना बड़ा चिकित्सालय नही देखा है कार्यशाला के समापन के दौरान सदगुरू सेवा संघ ट्रस्ट के ट्रस्टी एवम् सद्गुरू नेत्र चिकित्सालय के प्रशासक डा ईलेश जैन ने गुणवत्ता प्रशिक्षण लेने आए सभी नेत्र सर्जनों एवम् उत्तर प्रदेश राज्य मेडिकल परामर्शदाता अभय द्विवेदी,साइड सेवर के यूपी हेड प्रमोद त्रिपाठी से कहा कि सदगुरु नेत्र चिकित्सालय देश के सभी नेत्र रोगियों के लिए है। हम सब नेत्र रोगियों के लिए ही काम कर रहे हैं। हम सबका संकल्प और उद्देश्य होना चाहिए कि हम अंधत्व निवारण पर अपने देश के नेत्र रोगियों के लिए कितना बेहतर काम कर सकते है। इस सोच के साथ अगर हम सब काम करेंगे तभी हमारी अपने नेत्र रोगियों के लिए और अपने देश के लिए सच्ची सेवा होगी। उन्होंने कहा कि अंधत्व निवारण पर सतगुरु नेत्र चिकित्सालय की जैसी भी और जिस तरह की मदद आपको लेनी हो हम हर समय मदद के लिए तैयार है। प्रशिक्षण लेने आये रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त अस्पताल लखनऊ के डॉ. केपी सिंह ने बताया कि बहुत ही छोटी-छोटी चीजें जो ध्यान में नहीं आती उन चीजों को यंहा देखा और काफी कुछ सीखने को मिला इसका उपयोग कर लोगो को बेहतर सुविधाएं दे सकेंगे।