कोर्ट ने थाना प्रभारी एवं डॉक्टर समेत आधा दर्जन पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश
सतना की अदालत ने एक थाना प्रभारी और सरकारी अस्पताल के डॉक्टर समेत आधा दर्जन पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।सतना की प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने जैतवारा थाना प्रभारी सुरभि शर्मा, एएसआई देवनारायण उपाध्याय, मार्तंड सिंह, समेत शिवाकांत शुक्ला, अमित कुमार दीक्षित, भुवन सिंह एवं संदीप शुक्ला और सरकारी अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक डॉ आशुतोष त्रिपाठी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। थाना प्रभारी एवं उनके मातहत पुलिस कर्मियों और डॉक्टर के खिलाफ यह मुकदमा आईपीसी की धारा 323, 201 एवं 34 के तहत दर्ज किया गया है।इन सभी के खिलाफ शिवेंद्र उर्फ गोलू पाठक तथा नंद किशोर पिता सियालाल पाठक निवासी संत टोला जैतवारा ने अदालत में परिवाद पेश कर शिकायत की थी। पिता-पुत्र की तरफ से की गई शिकायत में अदालत को बताया गया था कि पारिवारिक विवाद के चलते उनके परिवार के सदस्य ने उनके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। उस शिकायत पर जांच किए बगैर जैतवारा थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में पिता पुत्र ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष भी अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था और सीएम हेल्प लाइन में भी शिकायत दर्ज कराई थी। जैतवारा थाना पुलिस पिता पुत्र पर सीएम हेल्प लाइन की शिकायत वापस लेने का दबाव बना रही थी और इसके लिए पुलिस कर्मी लगातार परेशान कर रहे थे। जब सीएम हेल्पलाइन से शिकायत वापस नहीं ली गई तो जैतवारा थाना पुलिस ने पिता पुत्र को घर से पकड़ लिया और थाने ले आई। गत 26 फरवरी 2020 को उन्हें लॉकअप में बंद कर दिया और उनके साथ मारपीट की। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी दिखा दी और अदालत में पेश कर दिया। घर वाले जब थाना पूछताछ करने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें भी भगा दिया। सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने भी मेडिकल परीक्षण के दौरान मारपीट का जिक्र रिपोर्ट में नहीं किया जबकि अदालत में पेश किए जाने के दौरान शिवेंद्र और नंद किशोर ने अदालत को अपने जख्म भी दिखाए। अदालत ने इस मामले पर संज्ञान लिया और 7 पुलिस कर्मियों एवं एक डॉक्टर समेत 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।