लापता व्यापारी का शव मिलने से परिजन आक्रोशित स्टेट हाईवे को किया जाम
थाना क्षेत्र में कर्ज से परेशान एक रेडीमेड व्यापारी ने आत्महत्या कर ली। उसकी जेब से खून से लथपथ एक सुसाइड नोट मिला है। उधर, लापता व्यापारी का शव मिलने के बाद परिजन आक्रोशित हो गए। हत्या की आशंका व्यक्त करते हुए वे ग्रामीणों के साथ सड़क पर उतर आए और थाना के सामने ही धरने पर बैठ गए। आक्रोशित लोगों ने सड़क पर वाहन खड़े कर दिए, पत्थर लगा दिए और स्टेट हाईवे को जाम कर दिया। आक्रोश बढ़ता देख अन्य थानों के पुलिस बल को भी सिंहपुर बुला लिया गया। साथ ही एसडीएम नागौद भी मौके पर पहुंच गए। सिंहपुर थाना क्षेत्र के ग्राम नारायणपुर के पास निर्जन स्थान में राज बहादुर पाल नामक युवक का शव पड़ा गया। राजबहादुर सिंहपुर में रेडीमेड कपड़ों की दुकान चलाता था। वह 22 मई को दुकान से वापस घर नहीं लौटा था। परिजन उसकी तलाश कर रहे थे, लेकिन इसी बीच गुरुवार को उसका शव नारायणपुर में राइस मिल के आगे बने हेलीपैड के पास निर्जन स्थान में पड़ा पाया गया। शव गलने भी लगा था, जिसे देखकर आशंका जताई जा रही है कि शव वहां दो- तीन दिन से पड़ा था। सिंहपुर में प्रदर्शन की सूचना मिलते ही रैगांव विधायक कल्पना वर्मा भी वहां पहुंच गईं। उन्होंने प्रदर्शनकारियों और पुलिस अफसरों से बात की। प्रदर्शनकारी हत्या का मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग पर अड़े थे और तर्क दे रहे थे कि मृतक के गले में धारदार हथियार से चोट पहुंचाए जाने के निशान हैं। उधर, पुलिस जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर कार्यवाही करने की बात कह रही थी। नाराज लोग उस पर राजी नहीं थे। दोपहर करीब 12 बजे पोस्टमॉर्टम कराने पर सहमति बनी। जब शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जाने लगा और तलाशी ली गई तो मृतक की जेब मे खून से लथपथ एक सुसाइड नोट मिला जिसमें उसने कर्ज से परेशान हो कर अपने आत्मघाती कदम उठाने का जिक्र किया था।
सुसाइड नोट में लिखा
राजबहादुर की जेब से मिले सुसाइड नोट में उसने लिखा- मैं जिंदा रहकर अपने परिवार को बर्बाद कर रहा हूं। मैंने जिस दिन जन्म लिया था, उस दिन भी सबको परेशान किया था और अब मरते टाइम भी परेशान कर रहा हूं। जिसने जन्म लिया है, उसकी मृत्यु निश्चित है। अपनी मौत का मैं स्वयं जिम्मेदार हूं। आप लोग मुझे माफ़ करना। उसने अपने सुसाइड लेटर में कुछ लोगों के नाम और रकम का जिक्र करते हुए लिखा था कि राकेश उरमलिया को 20 हजार, हरवंश शुक्ला को 60 हजार, रामकरण भाया जी को 20 हजार, रामाशंकर उरमलिया को 10 हजार, रामराखन शुक्ला को 10 हजार और रामबहोरी उरमलिया को 5500 रुपए देना है। बाद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नागौद में सतना से बुलाए गए 4 डॉक्टरों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया।