विधानसभा चुनाव में अपनी सत्ता बचाए रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश में जुटी सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। चुनावी वर्ष में भाजपा के अंदर बवाल मचा हुआ है। सतना जिले में जहां सांसद-विधायक के बीच जुबानी जंग ने माहौल को गरमा रखा है वहीं महिला मोर्चा में भी असंतोष और आक्रोश की चिंगारी भड़क रही है। मोर्चा की नई कमेटी के नामों पर तो खुद कमेटी में शामिल नेत्रियों ने ही सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा महिला मोर्चा की सतना जिलाध्यक्ष सीमा यादव ने अपनी नई कार्यकारिणी की घोषणा की तो यहां बवाल मच गया। उनकी ही कमेटी में रही कई पदाधिकारियों का डिमोशन हुआ और दायित्व बदले गए तो असंतोष की चिंगारी भड़क उठी। मोर्चा में महामंत्री रहीं प्रीति रैकवार, उपाध्यक्ष रहीं सविता जैन और सह कार्यालय मंत्री रहीं संतोष त्रिपाठी को सामान्य जिला कार्यसमिति सदस्य बना दिया गया। जबकि नए चेहरों को न केवल एंट्री दे दी गई बल्कि उन्हें पद और दायित्व भी दे दिए गए। कार्यकारिणी में हुए इस परिवर्तन ने इन महिला नेत्रियों की नाराजगी इस कदर बढ़ाई कि वे मुखर हो कर यह कहने से नहीं चूंकी कि मोर्चा तो महिलाओं का है। जिसकी जिलाध्यक्ष भी सीमा यादव हैं लेकिन इसे चला कोई और रहा है। महामंत्री से डिमोट कर जिला कार्यसमिति सदस्य बनाई गईं प्रीति रैकवार ने कहा कि उन्हें सिर्फ इसलिए हटाया गया क्योंकि वे पिछलग्गू बन कर नहीं चल पा रही थीं। वे इशारों पर उठने-बैठने को तैयार नहीं थीं। उन्हें यह बताया गया कि सक्रियता के अभाव में उन्हें महामंत्री पद से हटाया गया। जबकि हर मीटिंग, हर कार्यक्रम में उन्होंने हिस्सा लिया। बैंकिंग सेक्टर की अपनी जॉब छोड़ कर पार्टी का काम किया। प्रीति ने आरोप लगाया कि महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष सीमा यादव अपने निर्णय खुद नहीं लेती बल्कि वे भाजपा के कार्यालय मंत्री के इशारे पर काम करती हैं। महिला नेत्रियों के इन आरोपों के बाद सियासी गलियारों में भाजपा के अंदर मची हलचल को लेकर चर्चाएं गर्म हो गई हैं।