किराये से लगी एम्बुलेंस के बिल भुगतान में हो रहा करोड़ों का भ्रष्टाचार

भोपाल। मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक, मप्र कांग्रेस सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पुनीत टंडन की संयुक्त पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में जय अम्बे इमरजेंसी सर्विसेज (जेएईएस) द्वारा अनुबंध पर किराये से लगी एम्बुलेंस के बिल भुगतान में हो रहा है करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। मुकेश नायक ने बताया कि गर्भवती महिला को एक ही दिन में 5 बार एंबुलेंस की सेवाएं दी गई हैं, जो भ्रष्टाचार की पोल खोल रही है। मध्यप्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में जय अम्बे इमरजेंसी सर्विसेज (जेएईएस) का किराये पर एंबुलेंस लगाने का अनुबंध वर्ष 2021 में हुआ, जिसके तहत 14 अप्रेल, 2022 से (जेएईएस) द्वारा एम्बुलेंस सर्विसेज की सुविधाएं चालू की गई। अनुबंध अनुसार एनएचएम में विभिन्न प्रकार की जो गाडियां जेएईएस को संचालन हेतु प्रदाय की गई, उनमें लगभग 23 एएलएस एडवांस लाईफ सपोर्ट गाडियां, लगभग 319 बीएलएस गाडियां, जननी एम्बुलेस 60 टाईप बी के अतिरिक्ति (जेएईएस) द्वारा खरीद कर लगाई गई गाडिया निम्नानुसार है, जिसमें लगभग 144 एएलएस गाडिया, लगभग 516 बीएलएस (बेसिक लाईफ सपोर्ट) गाडिया, लगभग 990 टाईप बी जननी एम्बुलेंस के अतिरिक्त 104 हेल्प लाईन (15 सीटर) भी (जेएईएस) द्वारा मध्यप्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन गाडियां संचालित हो रही है। एनएचएम द्वारा निष्पादित अनुबंध के अनुसार प्रति किलोमीटर के अनुसार भुगतान की जाने वाली राशि में सभी तरह के खर्चे व संसाधन शामिल है। जिसमें गाडियों का रोड टेक्स, रजिस्ट्रेशन, ड्यूटी टोल टेक्स, दवाईयां, मेडिकल इक्युमेंट सामग्री इत्यादि भी अनुबंध के अनुसार शामिल है। उन्होंने कहा कि क्या अनुबंध अनुसार जेएईएस द्वारा एनएचएम को लिखित में सूचित कर अनुमति मांगी गई थी कि उनके द्वारा लगाए गए समस्त एम्बुलेंस का रजिस्टे्रशन एवं रोड टैक्स आदि का छत्तीसगढ़ राज्य में भुगतान कर गाडियां मध्यप्रदेश में संचालित की जा सकेगी। इस संबंध में हमारे द्वारा परिवहन विभाग के प्रमुख अधिकारी को लिखित में शिकायत की गई थी जिसके बाद भी आज दिनांक तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई। आज भी जेएईएस द्वारा छत्तीसगढ की नंबर प्लेट लगाकर मध्यप्रदेश में एम्बुलेंस चलाई जा रही है। क्या परिवहन विभाग ने (जेएईएस) को किसी भी प्रकार का नोटिस दिया या कार्यवाही की गई, यदि नहीं तो क्यों नहीं की गई? इसी आधार पर वित्तीय वर्ष 23-24 में 12 माह का संभावित भुगतान लगभग 375 करोड़ से 400 करोड़ एनएचएम द्वारा जेएइएस को किया जा प्रतीत होता है। अनुबंध अनुसार जेएइएस को एनएचएम में वार्षिक परियोजना लागत 5 प्रतिशत बतौर परफारमेंस गारंटी एनएचएम में जमा करना थी जेएइएस द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए लगभग 11.35 करोड़ (वार्षिक परियोजना लागत 225 करोड़ मानते हुए) जमा की गई। जबकि जेएइएस द्वारा 225 करो? व 400 करोड के अंतर की राशि बतौर परफारमेंस ग्यारंटी जमा की गई जो कि लगभग 9 करो? रूपये के लगभग होती है, जानकारी अनुसार यह राशि जमा नहीं की गई है। पत्रकार वार्ता के दौरान प्रदेश कांग्रेस समस्त विभागों/प्रकोष्ठों के प्रभारी जे.पी. धनोपिया और प्रवक्ताद्वय भूपेन्द्र गुप्ता और रवि सक्सेना भी उपस्थित थे।