वेरिफिकेशन नहीं होने से जारी है परिवीक्षा अवधि, नहीं मिल रहा पूरा वेतन, मुख्यमंत्री से की परिवीक्षा अवधि समाप्त करने की मांग
भोपाल। परिवीक्षा अवधि समाप्त न होने के चलते 500 सहायक प्राध्यापकों की स्थाई नियुक्ति अटकी हुई है। यह परिवीक्षा अवधि वेरिफिकेशन नहीं होने के चलते खत्म नहीं हो रही है, जिससे मध्य प्रदेश के 513 सरकारी कॉलेजोंं में चार साल पहले पदस्थ हुए 500 सहायक प्राध्यापकों, ग्रंथपाल और खेल अधिकारियों का परिवीक्षा अवधि वेरिफिकेशन पूरा नहीं हो पाया है, जिसके चलते असिस्टेंट प्रोफेसरों को न तो स्थाई नियुक्ति मिल रही है और न ही पूरा वेतन। साथ ही सहायक प्राध्यापकों को वार्षिक वेतन वृद्धि भी नहीं मिल पा रहा है। प्रकाश वाश्कले, उपाध्यक्ष प्रगतिशील सहायक प्राध्यापक कल्याण संघ ने गौरतलब है कि उच्च शिक्षा विभाग ने सहायक प्राध्यापकों ने बताया कि हमने मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव को पत्र लिखकर परिवीक्षा अवधि समाप्त करने की मांग ही है। इससे लिए पुलिस वेरिफिकेशन सहित डाक्यूमेंटस की जो कमी है, वह जल्द पूरी की जाए। सूची जारी कर इन प्राध्यापकों से अध्ययन के दौरान निवासरत स्थलों की जानकारी मांगी है, ताकि उन जिलों के एसपी को पत्र लिखकर वेरिफिकेशन कराया जा सके। बताया जाता है कि कुछ सहायक प्राध्यापकों की पूरी जानकारी नहीं आई है, इससे पूरी सूची अटक गई है। सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के समय 57700 रुपए वेतन निर्धाथ्रत किया गया था, जो परिवीक्षा अवधि के बाद करीब 90 हजार रुपए हो जाएगा। इस तरह हर सहायक प्राध्यापक को प्रतिमाह वेतन में ही लगभग 32 हजार रुपए से अधिक का नुकसान हो रहा है। जीएडी के नियमानुसार दो साल में परिवीक्षा अवधि समाप्त हो जानी थी, लेकिन अब तक 500 असिस्टेंट प्रोफेसर, ग्रंथपाल और खेल अधिकारियों का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं हो पाया है। भोपाल जिले के लगभग 18 प्रोफेसर शामिल हैं। इसकी वजह है कि इन लोगोंं ने स्कूल शिक्षा, यूजी-पीजी के साथ पीएचडी अलग-अलग जिलों से की थी। इसलिए विभाग को एक-एक प्रोफेसर का पांच-पांच जिलों से पुलिस वेरिफिकेशन कराना पड़ रहा है।