मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित हमारे महानगर, जो देश के हृदय स्थल में स्थित है, आज भी शहरी विकास की दिशा में अपने वास्तविक सामर्थ्य को पूरी तरह से प्राप्त नहीं कर पाये हैं। इस पृष्ठभूमि में, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की आगामी यूके और जर्मनी यात्रा को प्रदेश और राजधानी के लिए एक ऐतिहासिक अवसर के रूप में देखा जा रहा है। इस यात्रा के संदर्भ में, क्रेडाई के अध्यक्ष श्री मनोज मीक के नेतृत्व में प्रमुख डेवलपर्स का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से भेंट करने पहुँचा। इस मुलाकात के दौरान, क्रेडाई ने मुख्यमंत्री को शुभकामनाएँ देते हुए राजा भोज के प्रतिष्ठित ग्रंथ “सम्रांगण सूत्रधार” सहित नगरीय विकास की किताबों की प्रतियाँ भेंट की। भोज का यह ग्रंथ न केवल स्थापत्य और नगर नियोजन का दुर्लभ दस्तावेज़ है, बल्कि जर्मनी के विश्वविद्यालयों में इसका गहन अध्ययन भी किया गया है। इस अवसर पर क्रेडाई ने मुख्यमंत्री को एक व्यापक दृष्टिकोण सौंपा, जिसमें भोपाल सहित प्रदेश के शहरों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए ठोस सुझाव शामिल हैं। क्रेडाई ने राष्ट्रीय औसत से कम शहरीकरण दर को बढ़ाने के लिए एक ठोस रणनीति बनाने पर विशेष जोर दिया।

मुख्यमंत्री से साझा किए गए मुख्य सुझाव:

1.    ग्लोबल बिडिंग के माध्यम से मास्टर प्लान 2047: राजधानी का विकास एक व्यापक विकास योजना के बिना अधूरा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के टाउन प्लानर्स को ग्लोबल बिडिंग के माध्यम से आमंत्रित करना समय की माँग है। इससे न केवल एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण प्राप्त होगा, बल्कि भोपाल को एक स्मार्ट और टिकाऊ शहर के रूप में विकसित किया जा सकेगा।
2.    विश्वस्तरीय योजनाओं को स्थानीय ढांचे में समायोजित करना: म्यूनिख, स्टटगार्ट और लंदन जैसे शहरों की योजनाओं और टिकाऊ विकास मॉडल को भोपाल और अन्य शहरों में लागू करना।
3.    राजा भोज की प्रेरणा: राजा भोज की “सम्रांगण सूत्रधार” आधारित नगर योजना को आधुनिक प्रौद्योगिकी और वैश्विक दृष्टिकोण के साथ मिलाकर लागू करना। यह भोपाल को इतिहास और भविष्य के बीच संतुलन का अद्वितीय उदाहरण बना सकता है।
4.    सतत विकास और हरित समाधान: हरित परिवहन, स्वच्छ ऊर्जा, और पर्यावरण के अनुकूल शहरी विकास के लिए टिकाऊ मॉडल अपनाना।

 भोपाल की विशेषताएँ जो इसे अग्रणी बनाती हैं:

•    राजा भोज का ऐतिहासिक योगदान: 1000 साल पहले स्थापित भोजताल और भोजपाल नगर आज भी नगर नियोजन की अद्भुत मिसाल है।
•    देश का हृदय: भोपाल, 500 किमी के दायरे में सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र कवर करता है, जो इसे व्यापार और लॉजिस्टिक्स का आदर्श केंद्र बनाता है।
•    प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर: 30,000 साल पुराने शैलचित्र इसे दुनिया के सबसे प्राचीन और जीवंत शहरों में से एक बनाते हैं।

मनोज मीक का वक्तव्य:

“राजधानी भोपाल को एक वैश्विक दृष्टिकोण और राजा भोज की नगर योजना की प्रेरणा से न केवल वैदिक स्मार्ट सिटी, बल्कि एक सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। हमें गर्व है कि हमारे सुझाव मुख्यमंत्री जी की दूरदर्शिता को समर्थन देंगे और उनकी यह यात्रा प्रदेश को एक नई दिशा देगी।”

मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया 

मुख्यमंत्री ने क्रेडाई के सुझावों को सराहा और आश्वासन दिया कि उनकी यात्रा न केवल निवेश आकर्षित करने, बल्कि प्रदेश के शहरों को वैश्विक मानकों पर विकसित करने में सहायक होगी।