तुर्की के खिलाफ बढ़ती मुश्किलें: भारत के बाद अब ग्रीस से टकराव
तुर्की इस समय सुर्खियों में बना हुआ है, भारत से पंगा लेने के बाद देश नाटो के ही सदस्य ग्रीक से पंगा ले रहा है और इतिहास को लेकर दोनों देश भिड़ गए हैं. दोनों देश एक दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं. दरअसल, तुर्की औग ग्रीक के बीच साल 1919 में एक युद्ध हुआ था. इस युद्ध की ग्रीक ने एनिवर्सरी मनाई और इस युद्ध में मारे गए पोंटिक ग्रीक को याद करते हुए तुर्की पर अत्याचार के आरोप लगाए. इसी के बाद तुर्की की तरफ से भी रिएक्शन सामने आया है. देश ने सोमवार को “निराधार पोंटिक आरोपों” की वर्षगांठ पर ग्रीक अधिकारियों की तरफ से दिए गए बयानों की निंदा की.
तुर्की ने ग्रीस से लिया पंगा
तुर्की ने ग्रीक पर इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने और द्विपक्षीय संबंधों को कमजोर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. इसको लेकर तुर्की के विदेश मंत्रालय ने एक लिखित बयान में कहा, हम निराधार ‘पोंटिक’ आरोपों की सालगिरह के बहाने ग्रीक अधिकारियों की तरफ से दिए गए बयानों की निंदा करते हैं, जो ऐतिहासिक तथ्यों से कोसों दूर है.
तुर्की ने ग्रीक की तरफ से लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया. साथ ही उन्हें आरोपों को “काल्पनिक” बताया. तुर्की ने कहा, इसका मकसद 19 मई, 1919 को मुस्तफा कमाल अतातुर्क के नेतृत्व में शुरू किए गए तुर्की के स्वतंत्रता संग्राम को बदनाम करना है.
तुर्की ने ग्रीक पर लगाए आरोप
तुर्की ने ग्रीस पर तंज करते हुए आरोप लगाया कि ग्रीक इतिहास को उल्टा पढ़ रहा है, इसी के साथ युद्ध को लेकर देश पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया. जहां ग्रीक ने पोंटिक ग्रीक का जिक्र छेड़ा, वहीं तुर्की ने अनातोलिया इलाके का जिक्र किया. मंत्रालय ने कहा कि यह एक “ऐतिहासिक रियालिटी” है कि ग्रीक सेना ने “अनातोलिया में अत्याचार” किए.
मंत्रालय ने जांच आयोग की एक रिपोर्ट और लॉज़ेन की संधि के अनुच्छेद 59 का हवाला दिया, जिसमें ग्रीक की तरफ से युद्ध के कानूनों का उल्लंघन किया जाना दर्ज किया गया.
मंत्रालय ने ग्रीक अधिकारियों से साथ ही कहा कि जनता को लुभाने के लिए ऐतिहासिक घटनाओं का शोषण करने की अपनी नीति को त्याग दें साथ ही ग्रीक को साल 1821 याद दिलाया और कहा कि त्रिपोलित्सा नरसंहार (Tripolitsa Massacre) से शुरू होने वाले तुर्क और बाकी जातीय समूहों के खिलाफ किए गए क्रूर अपराधों” को याद रखें.
रिश्तों को संभालने की कोशिश
जहां एक तरफ तुर्की ने ग्रीक से पंगा लिया. वहीं, रिश्तों को संभालने की कोशिश भी की. तुर्की की तरफ से जारी बयान में आखिर में कहा गया, ऐसी पहल जो इतिहास की दुश्मनी को फिर से उजागर करती है और हमारे देशों के बीच संबंधों को नुकसान पहुंचाने का मकसद रखती है, जो हाल के सालों में एक साथ आगे बढ़ रहे हैं. ऐसी पहल को समाप्त किया जाना चाहिए.
ग्रीक ने क्या कहा था?
दोनों देशों के बीच वार-पलटवार का सिलसिला तब शुरू हुआ जब ग्रीक के राष्ट्रपति ने 1919 में तुर्की के साथ हुए युद्ध को याद किया और तुर्की को टारगेट करते हुए उसके अत्याचारों को लेकर कमेंट किया. राष्ट्रपति कॉन्स्टेंटिनो तासौलास ने सोमवार (19 मई) को पोंटिक नरसंहार की सालगिरह मनाई. ग्रीक-तुर्की के साथ हुए इस नरसंहार को पोंटिक नरसंहार कहता है. इसी के चलते ग्रीक ने तुर्की पर नरसंहार करने और अत्याचार करने के आरोप लगाए. इसी पर तुर्की ने ग्रीक से पंगा मोल ले लिया.
ग्रीक ने आधिकारिक तौर पर 1914 और 1923 के बीच काला सागर तट पर रहने वाले 370,000 यूनानियों की हत्या को 1994 में नरसंहार के रूप में मान्यता दी, और 19 मई को स्मरण के वार्षिक दिन के रूप में नामित किया.