भारत के माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिक विवाह को लेकर जो आतुरता दिखाई जा रही है उसके विरोध में रीवा व्यापारी महासंघ के पदाधिकारियों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा सनातन धर्म में समलैंगिक विवाह प्रचलन में नहीं था नहीं ऐसे किसी संबंधों को खुलेआम कानून के रूप में मान्यता देना सभ्य समाज के लिए कारगर रहेगी, हर देश वह उसमें रहने वाले लोग व उनके मानने वाले धर्म सभ्यताओं की परिस्थितियां अलग अलग होती है यह पाश्चात्य सभ्यता है जोकि भारत देश में बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी इसीलिए कल रीवा व्यापारी महासंघ ने इसके विरोध में कड़ी निंदा करते हुए कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा ज्ञापन अपर कलेक्टर नीलमणि अग्निहोत्री  ने लिया