भालू की मौत, दो ग्रामीणों को उतारा था मौत के घाट
भालू के आक्रामक होने के कारण उच्चाधिकारियों ने रेस्क्यू करने के निर्देश दिए। रेस्क्यू दल ने कुछ घंटे की मशक्कत के बाद भालू को ट्रैंक्यूलाइजर गन से बेहोश कर दिया। बेहोश भालू के शरीर की जांच में चार जगहों पर टांगी से हमले के निशान मिले हैं। जख्म गहरा होने के कारण भालू को उपचार के लिए रविवार की देर रात कानन पेंडारी जू लाया गया है। वन्य प्राणी चिकित्सक पीके चंदन घायल भालू का उपचार कर रहे थे। सोमवार की रात 10:30 बजे अचानक तबीयत बिगड़ने लगी। इस पर जू प्रबंधन हरकत में आया और उसकी जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए। लेकिन , आधे घंटे बाद रात 11 बजे के करीब उसने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि घाव गहरा था। बुरी तरह जख्मी होने के कारण उसकी जान चली है। रात में ही जू प्रबंधन ने अधिकारियों को जानकारी दी। जिस पर अचानकमार बायोस्फियर रिजर्व के संचालक व डिप्टी डायरेक्टर यूआर गणेश, एसडीओ भोपाल सिंह राजपूत व अन्य पहुंच गए। अभी जू के वन्य प्राणी चिकित्सलाय में पोस्टमार्टम की तैयारी चल रही है। पीएम के बाद जू में भालू का अंतिम संस्कार किया जाएगा। मृत भालू नर था और उसकी उम्र नौ से 10 साल थी।जांच के दौरान यह भी पुष्टि हुई कि उस पर कुल्हाड़ी से प्रहार किया गया है। आक्रमण होने की एक वजह यह जख्म भी हो सकती है। दर्द वह बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। भालू की हालत देखते हुए ही उपचार के लिए कानन पेंडारी जू में लाने का निर्णय लिया गया था कानन में चल रहा था उपचार।