कोलकाता: मणिपाल हॉस्पिटल, साल्टलेक ने 60 वर्षीया महिला मरीज की जटिल ओवरी कैंसर की सर्जरी 10 घंटे में सफलतापूर्वक पूरी की। इस उन्नत स्तर की सर्जरी के बाद मरीज के शरीर में कैंसर का कोई भी अवशेष नहीं बचा। मरीज रीना गांगुली (नाम बदला गया) को एडवांस स्टेज के ओवरी कैंसर का पता चला था, जो पेट के अलावा छाती की लिम्फ नोड्स तक फैल चुका था। 
ओवरी कैंसर भारत में महिलाओं में तीसरा सबसे आम कैंसर है और इसे "साइलेंट किलर" कहा जाता है, क्योंकि शुरू में इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते। इस चुनौतीपूर्ण सर्जरी का नेतृत्व डॉ. अरुणाभ रॉय (गायनेकॉलॉजिकल ऑन्को-सर्जरी कंसल्टेंट) ने किया, उनके साथ डॉ. अरुणाशीष मलिक और डॉ. नेहा अग्रवाल भी शामिल थे। सर्जरी से पहले मरीज की गहन जांच की गई और एनेस्थीसिया टीम की मंजूरी के बाद ‘अपफ्रंट रेडिकल सर्जरी’ की योजना बनाई गई ताकि शरीर में कोई कैंसर सेल बचा न रहे। इस सर्जरी में छाती के लिम्फ नोड्स, डायाफ्राम, आंतों की सतह, ओवरी, यूटेरस, पेल्विक पेरिटोनियम और ब्लैडर पेरिटोनियम से कैंसर ग्रंथियों को हटाया गया। 
टोटल ओमेंटेक्टोमी, डायाफ्राम की बाहरी परत की सफाई, सलेक्टिव पेरिटोनक्टोमी, रेक्टो-सिग्मॉइड रीसैक्शन और आंतों को दोबारा जोड़ने (एनास्टोमोसिस) जैसे कई जटिल प्रोसीजर किए गए। इस लंबे ऑपरेशन के दौरान केवल एक यूनिट ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ी और मरीज की हालत स्थिर बनी रही। सर्जरी के 48 घंटे के भीतर उन्हें ICU से HDU में शिफ्ट कर दिया गया और 6 दिन में मरीज चलने, नहाने, सामान्य खाना खाने और खुद से टॉयलेट इस्तेमाल करने में सक्षम हो गईं। 
डॉ. अरुणाभ रॉय ने कहा, “यह एक बेहद कठिन केस था, लेकिन हमने पूरी टीमवर्क और सावधानी से मरीज के शरीर से हर कैंसर सेल को हटाया। कम ब्लड लॉस और तेज रिकवरी हमारी टीम की उत्कृष्टता को दर्शाता है।” यह केस मणिपाल हॉस्पिटल, साल्टलेक की एडवांस स्टेज कैंसर के इलाज में विशेषज्ञता और वर्ल्ड-क्लास कैंसर केयर देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।