Example:Saved a woman's life by donating blood.

 

dainikmediaauditor.in सीधी।रक्तदान को महादान यूं ही नहीं कहा जाता है। जरूरत के समय किसी को रक्त देकर उसकी जान बचाना बहुत बडा कार्य है। सोमवार को समाजसेवी अजीत सिंह सोनवर्षा ने रक्तदान कर  मनीषा पति अशोक तिवारी करौंदी रामपुर नैकिन के जीवन को बचाने का कार्य किया। बताया गया कि  जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीज की स्थीती नाजुक होने पर महिला रोग विशेषज्ञ के द्वारा त्वरित रूप से ऑपरेशन करने की सलाह दी गई।

 

 

ऐसी स्थिती में एक यूनिट बी पॉजटिव रक्त की आवश्यकता बताई गई किन्तु मरीज के परिजनो का गु्रप भिन्न था साथ ही जिला अस्पताल कैंपस में संचालित ब्लड बैंक में कई सप्ताह से बी पॉजटिव का अभाव बताया गया। ऐसे में परिजनो द्वारा शोसल मीडिया पर मदद की अपील की गई, और संदेश देखते ही अजीत सिंह त्वरित रूप से ब्लड बैंक पहुॅच कर रक्त दान कर मानवता का परिचय दियें।

 



रक्त दान कर कहलायें जीवन रक्षक - अजीत सोमवार की दोपहर पीडि़ता की मदद हेतु रक्तदान कर चर्चा के दौरान अजीत सिंह सोनवर्षा ने बताया कि रक्तदान करना एक नॉर्मल प्रोसेस है। एक सामान्य व्यक्ति एक बार में 1 यूनिट ब्लड डोनेट करके 3 लोगों की जान बचा सकता है। इससे शरीर तमाम बीमारियों से बचा रहता है और दिमाग एक्टिव होता है।

 

 

 

ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है, दिल की सेहत यानी हार्ट में भी सुधार होता है। वेट कंट्रोल में रहता है और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। इमोशनल हेल्थ में भी ये सुधार करता है। और सबसे जरूरी कि ब्लड डोनेट करके आप किसी जरूरतमंद की जान बचा सकते हैं।

न्यूज़ सोर्स : 1000