नई दिल्ली : भारत के अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक, पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) वित्तीय समावेशन और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए 11 जुलाई 2025 को एक देशव्यापी मेगा कृषि आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करेगा। इस कार्यक्रम में एमडी एवं सीईओ, कार्यपालक निदेशकगण तथा  कॉरपोरेट कार्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित पीएनबी के शीर्ष प्रबंधन भी भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम किसानों, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), कृषि-उद्यमियों और अन्य जमीनी स्तर के हितधारकों को तत्काल ऋण और विशेषज्ञ वित्तीय सलाह प्रदान करने के लिए एक मंच पर लाएगा। समावेशी, प्रौद्योगिकी-आधारित कृषि वित्तपोषण को बढ़ावा देने हेतु इस आउटरीच का आयोजन कृषि चौपालों, कृषि सेवा बूथों और पीएनबी डिजिटल ज़ोन के माध्यम से किया जाएगा जिसे डिजी एसएचजी ऋण, डिजी गोल्ड ऋण और डिजी केटीआर जैसे डिजीटल टूल सशक्त बनाएंगे।  

कार्यक्रम के आकर्षण:

एसएचजी सशक्तिकरण: सूक्ष्म ऋण योजना आधारित वित्तपोषण को बढ़ावा देकर एसएचजी की कारोबारी पहलों को बढ़ावा देना।हिला-नेतृत्व विकास को बढ़ावा: सरकारी सब्सिडियों व पात्रताओं की जागरुकता बढ़ाकर महिला उद्यमियों को ऋण स्वीकृत करने पर ध्यान केन्द्रित करना। ग्रामीण नवाचार को बढ़ावा देना: कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ), माइक्रो खाद्य प्रसंस्करण, परिशुद्ध एवं हाई-टेक कृषि, राष्ट्रीय पशुधन मिशन और कृषि प्रसंस्करण इकाइयों को ऋण में प्राथमिकता देना। पीएनबी के एमडी एवं सीईओ श्री अशोक चंद्र ने कहा, "कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की केवल आधार मात्र नहीं है, बल्कि भारत की आत्मा है । इस मेगा आउटरीच कार्यक्रम के माध्यम से हमारा उद्देश्य किसानों और ग्रामीण समुदायों तक वित्तीय पहुंच को सुगम बनाना व बढ़ावा देना है जो उन्हें डिजिटली सशक्त व आर्थिक रूप से सहनशील बनाता है ।