मीडिया ऑडीटर  न्यूज़ सीधी  प्रशासन में आधुनिक संचार सुविधाओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार की डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम के तहत राजस्व विभाग के भू अभिलेखों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। भू अभिलेखों के डिजिटलीकरण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए रीवा संभाग के दो जिलों के कलेक्टरों को भूमि सम्मान प्रदान किया गया है। महामहिम राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में सीधी जिले के कलेक्टर साकेत मालवीय तथा सिंगरौली जिले के कलेक्टर अरूण कुमार परमार को भूमि सम्मान प्रदान किया। इसके साथ-साथ प्रदेश के 13 अन्य जिलों के कलेक्टर्स को भी भूमि सम्मान प्रदान किया गया। समारोह में मध्यप्रदेश के आयुक्त भू अभिलेख डॉ संजय गोयल ने मध्यप्रदेश के अधिकारियों के साथ सम्मान प्राप्त किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय पंचायतीराज मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल तथा ग्रामीण विकास राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी उपस्थित रहे।

 

 

 

                प्रदेश के मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीट संदेश में इस उपलब्धि के लिए राजस्व विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी को बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने सभी 15 कलेक्टरों एवं अन्य राजस्व अधिकारियों को राजस्व रिकार्ड के डिजिटलीकरण में श्रेष्ठ कार्य तथा भूमि सम्मान प्राप्त करने पर बधाई दी है। रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी ने सीधी तथा सिंगरौली के कलेक्टरों एवं अन्य राजस्व अधिकारियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।

 

 

 

                डिजिटल इण्डिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के मुख्य घटक के रूप में सभी जिलों के राजस्व रिकार्डों का डिजिटलीकरण किया गया है। इसमें खसरे, नक्शे तथा अन्य रिकार्ड शामिल हैं। भूमि सम्मान योजना विश्वास और साझेदारी पर आधारित केन्द्र तथा राज्य का एक अच्छा उदाहरण है। भूमि अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण एवं डिजिटलीकरण की श्रेणी प्रणाली मुख्य रूप से राज्य और केन्द्रशासित प्रदेशों की रिपोर्ट पर आधारित होती है। राजस्व रिकार्डों के डिजिटलीकरण से जमीन से संबंधित विवादों को हल करने में आसानी होगी। जमीन से संबंधित वर्षों से चल रहे प्रकरण अब निराकृत हो सकेंगे। इससे किसानों को बहुत लाभ होगा। उनकी जमीन का अभिलेख आसानी से उपलब्ध हो गया है। विभिन्न योजनाओं तथा सेवाओं की प्रभावशीलता बढ़ाने में भी यह सहायक होगा।